One Nation One Election: केंद्र सरकार द्वारा जब से वन नेशन वन इलेक्शन की बात कही गई है तभी से देश में वन नेशन वन इलेक्शन के कमेटी गठित होने की चर्चाएं और तेज हो गई हैं| केंद्र सरकार द्वारा वर्ष में वन नेशन वन इलेक्शन के लिए एक कमेटी गठित की गई है जिसके तहत संपूर्ण देश में एक साथ चुनावी क्रियाओं को पूर्ण किया जाएगा| इस कमेटी की अध्यक्षता की डोर भारत के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जी के पास रहेगी|
केंद्र सरकार द्वारा One Nation One Election को सुचारू ढंग से लागू करने के लिए कमेटी का गठन किया जाएगा| केंद्र सरकार द्वारा पूर्ण रूप से वन नेशन वन इलेक्शन को लागू करने के लिए 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र आयोजित किया जाएगा जिसमें केंद्र सरकार महत्वपूर्ण विधेयक पेश करेगी जिससे वन नेशन वन इलेक्शन को संपूर्ण देश में लागू किया जा सके| इस बिल को पास करने के लिए केंद्र सरकार को 16 विधानसभाओं का समर्थन चाहिए होगा
एक राष्ट्र एक चुनाव
वन नेशन वन इलेक्शन को लागू करने से भारत में एक साथ लोकसभा और विधानसभा के चुनाव किए जा सकेंगे जिससे आमजन नागरिकों को यह लाभ होगा कि उन्हें समय रहते सरकार द्वारा उचित सेवाओं एवं योजनाओं का लाभ मिलेगा| सूत्रों की माने तो केंद्र सरकार पांच दिवसीय सत्र के दौरान इस बिल को पेश करेगी परंतु इसके ऊपर सरकार द्वारा कोई भी टिप्पणी नहीं की गई है| यदि देश में केंद्र सरकार का वन नेशन वन इलेक्शन बिल लागू होता है तो संपूर्ण देश में एक साथ या साथ साथ में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव किए जा सकेंगे|
वर्तमान समय में देश में लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव 5 सालों के अंतराल पर होते हैं जिसे भारतीय संविधान के नीति नियम अनुसार केंद्र एवं राज्य सरकारों के सहयोग द्वारा पूर्ण किया जाता है जिस तरह विधानसभा का कार्यकाल अलग-अलग समय पर पूर्ण होता है उसी तरह लोकसभा का कार्यकाल भी अलग-अलग समय पर पूर्ण होता है परंतु One Nation One Election के आने से यह प्रक्रिया एक साथ चलेगी विधानसभा एवं लोकसभा के चुनाव एक साथ होंगे दोनों का कार्यकाल आसपास ही प्रारंभ होगा इनका कार्यकाल भी एक साथ या आसपास ही समाप्त होगा|
One Nation One Election Bill 2024 Highlights
आर्टिकल का नाम | One Nation One Election |
किसके द्वारा शुरू किया जा रहा | केंद्र सरकार |
राज्य | संपूर्ण भारत |
वर्ष | 2024 |
उद्देश्य | विधानसभा एवं लोकसभा की चुनावी प्रक्रियाओं को एक साथ पूर्ण करना |
लाभ | प्रशासनिक स्तर पर लाभ |
लाभार्थी | देश के नागरिक |
कब गठित की गई कमेटी | 1 सितंबर 2023 |
कब है संसद का विशेष सत्र | 18 से 22 सितंबर |
वन नेशन वन इलेक्शन द्वारा एक साथ चुनाव करवाने के लाभ
सूत्रों द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव में औसतन 60000 करोड रुपए खर्च किए गए| वर्ष 1951-52, 1957, 1962, 1967 में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ कराए गए थे परंतु 1968 से 1970 में लोकसभा भंग होने से यह प्रक्रिया पूर्णता बदल गई| केंद्र सरकार अब पूर्ण रूप से भारत में वन इलेक्शन वन नेशन की पॉलिसी को लाना चाहती है जिससे आने वाले समय में देश को बहुत से फायदे होंगे|
एक राष्ट्र एक चुनाव को लागू करने से देश को क्या फायदे होंगे
- चुनावी प्रक्रिया में लगने वाले समय की बचत होगी|
- चुनावी प्रक्रिया में लगने वाले पैसे की बचत होगी|
- इस बिल को सुचारू ढंग से पास करने के लिए लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए संवैधानिक संशोधन किया जाएगा|
- इस प्रस्ताव को पास करने के लिए 16 विधानसभाओं का समर्थन चाहिए होगा|
- वन नेशन वन इलेक्शन का सबसे महत्वपूर्ण लाभ यह है की क्षेत्रीय दल चुनावी प्रक्रियाओं में अपने स्थानीय मुद्दों को मजबूती से नहीं उठा पाएंगे क्योंकि राष्ट्रीयमुद्दे वन नेशन वन इलेक्शन के लागू होने से केंद्रीय मुद्दे बन जाएंगे|
- देश के विकास की गतिविधियों पर जनता से निर्णय लिए जाएंगे और देश का विकास किया जाएगा|
- सुरक्षाबलों पर दबाव की कमी होगी|
- सरकारी सेवाओं, नीतियों एवं योजनाओं को आसानी से लागू किया जा सकेगा और आमजन नागरिकों को इसका लाभ दिया जा सकेगा|
वन नेशन वन इलेक्शन को लागू करने के नुकसान
- एक देश एक राष्ट्र एक चुनाव को लागू करने के लिए सर्वप्रथम संविधान में संशोधन करने की आवश्यकता होगी|
- यही नहीं द रिप्रेजेंटेशन ऑफ़ द पीपुल एक्ट 1951 प्रावधानों के तहत संशोधन की बात भी सामने आएगी|
- यदि देश में एक राष्ट्र एक चुनाव को लागू किया जाता है तो संविधान में कम से कम 5 अनुच्छेदों में संशोधन करना पड़ेगा|
- भारतीय संविधान के इन 5 अनुच्छेदों में संशोधन करने से पूर्व चुनाव आयोग की प्रक्रिया ही बदल जाएगी|
- यह संशोधन आमजन नागरिकों के लिए बहुत ही लाभकारी सिद्ध होगा परंतु राजनीतिक दलों के लिए यह इतना लाभकारी नहीं होगा|
- सबसे प्रमुख चुनौती यह होगी कि राजनीतिक दलों को किस प्रकार एकजुट करना है|
एक देश एक चुनाव 2024 के लिए संविधान में क्या संशोधन किया जाएगा
- One Nation One Electionको लागू करने के लिए संविधान में संशोधन करना पड़ेगा तभी वन नेशन वन इलेक्शन पॉलिसी को लागू किया जा सकेगा|
- वन नेशन वन इलेक्शन पॉलिसी को लागू के लिए 16 विधानसभाओं का समर्थन चाहिए होगा तभी यह पॉलिसी संपूर्ण देश में लागू हो पाएगी|
- एक राष्ट्र एक चुनाव बिल जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत लाया जाएगा जिसके लिए सर्वप्रथम जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत कुछ विशेष महत्वपूर्ण बदलाव करने होंगे|
- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 83, 85, 172, 174, एवं 356 में संवैधानिक बदलाव करने के लिए दो तिहाई बहुमत की आवश्यकता होगी|