Rajasthan new ministers|Rajasthan cabinet ministers new:राजस्थान में भाजपा की सरकार बनने के साथ ही मंत्रीपद की दौड़ भी शुरू हो गई है. पूर्व में बनाए गए मंत्री और वर्तमान में उभरकर सामने आए कद्दावर नेताओं को मंत्रीमंडल में जगह मिल सकती हैं, लेकिन लोकसभा चुनावों को देखते हुए जातिगत समीकरण भी देखे जा रहे हैं जिसमें सभी वर्गों को खुश करने की कवायद होगी. कोटा संभाग की बात करें तो यहां कुछ विधायकों का मंत्री बनना लगभग तय है. हाडौती संभाग में 17 में से भाजपा ने 11 सीटे जीती हैं. चार जिलों में से तीन जिले अहम हैं, जिसमें भाजपा से मंत्री मंडल में विधायकों को जगह मिल सकती है|
राजस्थान बेसब्री से नई सरकार का इंतजार कर रहा है. राजस्थान के गांव गुवाड़ से लेकर शहरों में चाय की थड़ियों और घर-घर में यह चर्चा आम है कि अगला सीएम कौन होगा और मंत्रिमंडल में कौन-कौन शामिल होगा|इस बीच गहलोत सरकार के हारे हुए मंत्री बंगले खाली कर सिविल लाइन से जल्द अपना सामान समेटने में लगे हैं| गहलोत सरकार के मंत्री भजनलाल जाटव के बंगले से सामान समेटा जा रहा है. पीडब्ल्यूडी के कर्मचारी कूलर पंखों से लेकर दूसरा सामान जमा करने में जुटे हैं|
Rajasthan New Ministers List
राजस्थान में भाजपा राज में प्रदेश का नया मुख्यमंत्री कौन होगा? इस सवाल का जवाब अब तक नहीं मिल पाया है। ये पहला मौका जब भाजपा राजस्थान में सीएम चेहरे को लेकर फंसी हुई नजर आ रही है। इससे पहले हर बार पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करके ही चुनाव लड़ा गया था। ऐसे में सीएम चेहरे को लेकर कभी पेंच नहीं फंसा।
सबसे पहले जानिए सीएम पद के दावेदार कौन-कौन?
राजस्थान की दो बार मुख्यमंत्री रह चुकी वसुंधरा राजे इस बार भी सीएम पद की दावेदार हैं। चुनाव परिणाम आने के बाद से राजे विधायकों से मिल रहीं हैं। साथ दिल्ली में केंद्रीय नेताओं से भी मुलाकात की है। राजपरिवार से आने वाली दीया कुमारी भी सीएम पद की दावेदार हैं। बाबा बालकनाथ का नाम भी इस लिस्ट में शामिल है, लेकिन शनिवार को उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर इससे इनकार कर दिया। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, अर्जुन मेघवाल, अश्विनी वैष्णव भी मुख्यमंत्री बनने की रेस में हैं। राजस्थान के नेता प्रतिपक्ष रहे राजेंद्र सिंह राठौड़ का नाम भी मुख्यमंत्री दावेदारों की दौड़ में शामिल है, लेकिन ये चुनाव हर गए थे।
मुख्यमंत्री चयन को लेकर अब तक क्या-क्या हुआ
तीन दिसंबर को चुनाव परिणाम सामने आने के बाद वसुंधरा राजे राजस्थान में सक्रिय हुईं। उन्होंने विधायकों को डिनर के लिए अपने आवास पर बुलाया। कई विधायक राजे को मुख्यमंत्री बनाने के पक्ष में बयान दे चुके हैं। वसुंधरा के बेटे और भाजपा सांसद दुष्यंत पर विधायकों की बाड़ेबंदी करने के आरोप लगे। राजे और दुष्यंत ने दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की। साथ ही राजे ने अमित शाह से भी मिलीं थीं। उधर, बाबा बालकनाथ भी अमित शाह और नड्डा से कई बार मुलाकात कर चुके हैं। बीते गुरुवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने भी नड्डा से मुलाकात की थी।
आगे क्या होना वाला है?
नए मुख्यमंत्री को लेकर मचे सियासी घमासान के बीच भाजपा हाईकमान ने राजस्थान के लिए तीन पर्यवेक्षक राजनाथ सिंह, विनोद तावडे और सरोज पांडेय को नियुक्त किया है। तावडे और सरोज पांडेय आज शाम तक जयपुर पहुंच सकते हैं। वहीं, राजनाथ सिंह कल रविवार को जयपुर आएंगे। कल ही विधायक दल की बैठक भी होगी। इससे पहले आज शाम को जेपी नड्डा विधायकों के साथ वर्चुअल बैठक करेंगे।
मंत्रीपद की दौड में संदीप शर्मा, हीरालाल नागर, प्रताप सिंह सिंघवी भी शामिल
कोटा दक्षिण विधानसभा सीट से संदीप शर्मा तीसरी बार जीते हैं और सांगोद विधानसभा से हीरा लाल नागर दूसरी बार विधायक बने हैं, लेकिन छबड़ा विधानसभा सीट से सातवीं बार चुनाव जीते जीतकर आए प्रताप सिंह सिंघवी भी मंत्रीपद की दौड में आगे चल रहे हैं. यह वसुंधरा सरकार में मंत्री रह चुके हैं, लेकिन दूसरी बार बनी भाजपा सरकार में इन्हें जगह नहीं मिली थी. संदीप शर्मा और हीरालाल नागर लोकसभा अध्यक्ष के करीबी हैं ऐसे में दोनो मंत्री के लिए दावेदार हैं.
कंवर लाल मीणा संग कल्पना देवी भी रेस में शामिल
अंता में कांग्रेस के कद्दावर नेता व मंत्री प्रमोद जैन भाया को हराने के बाद कंवरलाल मीणा का नाम भी तेजी से आगे आया है. साल 2013 में मनोहर थाना से चुनाव जीते थे. इसके बाद 2018 में उन्हें टिकट नहीं मिला था. वहीं 2023 में उन्हें अंता विधानसभा सीट से चुनाव लड़ाया और जीत गए. इस सीट का भी यह समीकरण रहा है कि यहां से 2008 के बाद जो भी चुनाव जीता है. वह सरकार में मंत्री बना है. दूसरी तरफ एसटी कम्युनिटी से होने से भी उन्हें फायदा मिल सकता है.
लाडपुरा विधानसभा से दूसरी बार चुनाव जीती कल्पना देवी राजपूत कम्युनिटी से आने, महिला और राज परिवार से आने से भी उन्हें फायदा मिल सकता है। झालावाड जिले की बात करें तो वहां से सीधे ही वसुंधरा राजे आती हैं, ऐसे में वह मुख्यमंत्री की दौड में चल रही हैं. जबकी बूंदी में भाजपा सभी सीटों को हार गई है.
15 तक होगी मुख्यमंत्री की शपथ
16 दिसंबर में मलमास लगने वाला है, इस दौरान शुभ कार्यों का करना वर्जित माना जाता है। ऐसे में पूरी संभावना है कि राजस्थान की नई सरकार का गठन 15 दिसंबर तक कर लिया जाएगा। यानी मुख्यमंत्री और मंत्रियों की शपथ हो सकती है।