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Sheetala Ashtami 2024: आज है शीतला अष्टमी, जानें शुभ मुहूर्त-पूजा विधि 

sitla mata pujan 2024 date:माता शीतला के भक्तों के लिए यह पर्व बेहद ही खास होता है। शीतला अष्टमी के दिन पूजा के समय माता शीतला को पर मीठे चावलों का भोग लगाया जाता है। खासतौर पर इस दिन मां शीतला को बासी पकवानों का भोग लगाया जाता है और खुद भी बासी और ठंडा भोजन ग्रहण किया जाता है।

आज चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि है. आज शीतला अष्टमी मनाई जा रही है. शीतला अष्टमी का पर्व आज 2 अप्रैल दिन मंगलवार को मनाया जा रहा है. हर साल चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को शीतला अष्टमी का पर्व मनाया जाता है. इसे बसौड़ा अष्टमी भी कहा जाता है. चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 1 अप्रैल की रात 9 बजकर 9 मिनट से शुरू हो चुकी है. वहीं अष्टमी तिथि की समाप्ति 2 अप्रैल की रात 8 बजकर 8 मिनट पर खत्म होगी|

पंचांग के अनुसार, पूजा करने के लिए शुभ मुहूर्त 2 अप्रैल की सुबह 6 बजकर 19 मिनट से शाम 6 बजकर 32 मिनट तक है. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने और मां शीतला की पूजा करने से व्यक्ति को हर एक दुख-दर्द से राहत मिल जाती है और लंबी आयु का आशीर्वाद प्राप्त होता है|

Sheetala Ashtami 2024

हर साल चैत्र मास में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि यानी होली के आठ दिन बाद शीतला अष्टमी का व्रत रखा जाता है। इस दिन माता शीतला की पूजा-आराधना का विधान है। शीतला अष्टमी को बसौड़ा या बसोड़ा भी कहा जाता है। माता शीतला के भक्तों के लिए यह पर्व बेहद ही खास होता है। शीतला अष्टमी के दिन पूजा के समय माता शीतला को पर मीठे चावलों का भोग लगाया जाता है। ये चावल गुड़ या गन्ने के रस से बनाए जाते हैं।

खासतौर पर इस दिन मां शीतला को बासी पकवानों का भोग लगाया जाता है और खुद भी बासी और ठंडा भोजन ग्रहण किया जाता है। मान्यता है कि शीतला अष्टमी के दिन पूरे विधि विधान के साथ पूजा करने से बीमारियों से मुक्ति मिलती है और घर में सुख शांति बनी रहती है। ऐसे में चलिए जानते हैं इस साल शीतला अष्टमी या बसौड़ा की तिथि, पूजा का मुहूर्त और महत्व

कब है शीतला अष्टमी या बसौड़ा 2024?

हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 1 अप्रैल दिन को रात 09 बजकर 09 मिनट पर हो रही है। इस तिथि का समापन 2 अप्रैल को रात 08 बजकर 08 मिनट पर होगा। उदया तिथि को देखते हुए बसौड़ा यानी शीतला अष्टमी का व्रत 2 अप्रैल को रखा जाएगा।

शीतला अष्टमी पूजा सामग्री

शीतला अष्टमी व्रत पूजा के लिए रोली, कुमकुम, मेहंदी, हल्दी, अक्षत, मौली, वस्त्र, दक्षिणा, फूल दही, ठंडा दूध, होली के बड़कुले, जल से भरा कलश, घी, आटे का दीपक, व्रत कथा की पुस्तक, मीठा भात, चूरमा, मगद, खाजा, नमक पारे, शक्कर पारे, बेसन चक्की, पुए, पकौड़ी,राबड़ी, बाजरे की रोटी, पूड़ी, कंडवारे, चने की दाल पूजन सामग्री में शामिल करें.

शीतला अष्टमी पूजा विधि

  • शीतला अष्टमी पर एक दिन पहले सप्तमी की रात को प्रसाद बनाकर रख लें.
  • अष्टमी के दिन सुबह स्नान कर शीतला माता के मंदिर में मूर्ति पर जल चढ़ाएं.
  • रोली, मेहंद, हल्दी, अक्षत, कलावा अर्पित करें.
  • अब आटे के दीपक में घी और रुई की बाती लगाकर माता की मूर्ति के सामने रख दें.
  • बासी हलवा, पूड़ी, बाजरे की रोटी, पुए, राबड़ी, आदि का भोग लगाएं.
  • शीतलाष्टक स्तोत्र का पाठ करें और फिर शीतला अष्टमी व्रत की कथा का श्रवण करें.
  • अब जहां होलिका दहन हुआ था वहां पूजा करें. थोड़ा जल चढ़ाएं,पूजन सामग्री चढ़ाएं.
  • इस दिन प्रसाद के साथ नीम के कुछ पत्ते भी खाते हैं. इससे रोग मिटते हैं.

शीतला सप्तमी तिथि

बसौड़ा यानी शीतला अष्टमी से एक दिन पहले शीतला सप्तमी मनाई जाती है। यह तिथि भी माता शीतला को समर्पित है। चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि 31 मार्च को रात 9 बजकर 30 मिनट से 1 अप्रैल को रात 9 बजकर 9 मिनट तक है। ऐसे में 1 अप्रैल को शीतला सप्तमी और 2 अप्रैल को बसौड़ा मनाई जाएगी। 

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