Insaf ke sipahi website;insaf ka sipahi com;पूर्व कांग्रेस नेता सिब्बल ने कहा कि वह अन्याय के खिलाफ लड़ाई में लोगों की मदद करने के लिए ‘इंसाफ’ मंच और ‘इंसाफ के सिपाही’ नामक वेबसाइट शुरू कर रहे हैं।राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने देश में मौजूद ‘अन्याय’ से लड़ने के लिए शनिवार को एक नये मंच की घोषणा की। उन्होंने कहा कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करने नहीं बैठा, मैं उनको सुधार दूंगा। साथ ही, सिब्बल ने गैर-भाजपा दलों के मुख्यमंत्रियों और नेताओं सहित हर किसी से उनकी इस पहल में सहयोग करने की अपील की।
सिब्बल ने कहा कि वह 11 मार्च को जंतर-मंतर पर इस पहल के संबंध में एक बैठक करेंगे और भारत के लिए एक नई दृष्टि पेश करेंगे। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए विपक्षी नेताओं और आम लोगों समेत सभी को खुला निमंत्रण है। उन्होंने अपने आवास पर संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हम भारत के लिए एक नई दृष्टि देंगे, जो एक सकारात्मक एजेंडा होगा। मैं पीएम मोदी जी की आलोचना करने नहीं बैठा हूं, मैं उनको सुधार दूंगा।’ राज्यसभा सदस्य ने कहा कि भारत में हर जगह अन्याय फैला है। उन्होंने दावा किया कि नागरिकों, संस्थाओं, पत्रकारों, शिक्षकों और मझोले एवं छोटे कारोबारियों के साथ अन्याय किया जा रहा है।
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Insaaf Ke Sipahi: विपक्षी खेमे में छाई इसी निराशा के बीच पूर्व कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने एक नई पहल की है। उन्होंने ‘इंसाफ के सिपाही’ नाम से एक मंच बनाकर सभी गैर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से इसमें शामिल होने की अपील की है। उन्होंने इसके लिए अरविंद केजरीवाल, ममता बनर्जी, ठाकरे और केसीआर सहित कई अन्य मुख्यमंत्रियों से अपील की है|
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पिछले कुछ दिनों में विपक्षी एकता स्थापित करने की तीन शुरुआती कोशिशें हो चुकी हैं। कांग्रेस ने रायपुर अधिवेशन में यह तय किया था कि वह 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को मजबूत टक्कर देने के लिए समान विचारधारा वाले दलों को साथ लाने की कोशिश करेगी। इसके पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने न केवल विपक्षी दलों की एकता स्थापित करने का प्रयास किया, बल्कि (विपक्षी दलों की एकता में) कांग्रेस की भूमिका को स्वीकार करते हुए उसे इसके लिए पहल करने की अपील की। इन सबसे अलग, तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर ने अरविंद केजरीवाल और ममता बनर्जी को साथ लेकर एक अलग मोर्चा बनाने की भी कोशिश की है।
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पूर्व कांग्रेस नेता सिब्बल ने कहा कि वह अन्याय के खिलाफ लड़ाई में लोगों की मदद करने के लिए ‘इंसाफ’ मंच और ‘इंसाफ के सिपाही’ नामक वेबसाइट शुरू कर रहे हैं और इस पहल में वकील अग्रणी भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा कि काफी चर्चा के बाद मैंने यह फैसला किया है कि लोगों को जागरूक करने की जरूरत है और हमारे ‘इंसाफ के सिपाही’ बनने की अपील की है तथा जहां कहीं भी अन्याय हो रहा है, उन्हें इससे लड़ना चाहिए। मैं चाहता हूं कि विपक्षी दलों के सभी मुख्यमंत्री और नेता इस पहल में मेरा सहयोग करें। हम दासता से खुद को मुक्त करने के लिए एक राष्ट्रीय आंदोलन शुरू करेंगे।
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सिब्बल ने कहा कि विपक्षी नेताओं और दलों को देश में अन्याय के खिलाफ संयुक्त रूप से लड़ने के लिए साथ लाने की कोशिश की जाएगी। उन्होंने कहा कि उनका मकसद राजनीतिक नहीं, बल्कि संवैधानिक मूल्यों के लिए लड़ना है। विपक्ष की एक महत्वपूर्ण आवाज माने जाने वाले राज्यसभा के निर्दलीय सदस्य सिब्बल ने विपक्षी दलों को एक साथ लाने की यह कोशिश ऐसे समय में की है, जब विपक्षी एकजुटता में दरार पड़ती नजर आ रही है। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) बार-बार एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मीडिया के जरिये मैं हर किसी से इसका हिस्सा बनने की अपील कर रहा हूं। तभी हम इसे आगे ले जा सकेंगे।
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मीडिया के एक सवाल के जवाब में सिब्बल ने कहा कि वह चाहते हैं कि कांग्रेस भी इस पहल में शामिल हो। उन्होंने कहा कि इस पहल का लक्ष्य एक जनआंदोलन खड़ा करना है और वह कोई राजनीतिक दल नहीं गठित करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आम आदमी और वकील, इस पहल के जरिये साथ मिल कर अन्याय के खिलाफ लड़ेंगे। सिब्बल ने कहा कि यह राष्ट्रीय स्तर का एक मंच होगा, जिसमें वकील सबसे आगे होंगे। आरएसएस की शाखाएं भी हर इलाके में अपनी विचारधारा का प्रसार कर रही हैं, जो कुछ मामलों में अन्याय को भी बढ़ावा देती है। हम उस अन्याय से भी लड़ेंगे।
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